Friday 4 March 2011

आओ सुनाऊँ ब्लॉग जगत की तुम्हें कहानी


संगठन के कार्यकर्ता कार्यकारिणी सूची बना रहे हैं तब तक आप यह गीत जैसा कुछ पढ़िए और अगर आपके सुर ताल में गड़बड़ हो  तो फिल्म  "क्रिश"  के गीत "आओ सुनाये ..." की तर्ज़ पर गुनगुनाने की कोशिश भी कर सकते हैं.

आओ सुनाऊँ ब्लॉग जगत की तुम्हें कहानी
यहाँ करता हर कोई अपनी-अपनी मनमानी 
कोई बन के बैठा है ,कोई तन के ऐंठा है 
किसी ने अपने गुट से ना निकलने की है ठानी 
आओ सुनाऊँ

कोई कविता लिखे ,कोई कहानी कहे
कोई यादें लिखे कोई जुबानी कहे
कोई तो बस गरियाने को ही राजी 
आओ सुनाऊँ .....

टिप्पणी नहीं चाहिए जो नित कहता जाए
उतनी ही उसकी नजर बाक्स पे गड़ती जाए
कोई बंद करके उसे बन जाये महा ज्ञानी
आओ सुनाऊँ,..

कोई उथला लिखे कोई गहरा लिखे 
कोई लेके पिन बस चहूं ओर फिरे.
जहाँ देखा गुब्बारा, पिन चुभा दी जानी .
आओ सुनाऊँ ..

जो छपने लगे वो उड़ते रहें गगन में
जो ना छप पाए आहें भरे ब्लॉग चमन में
छप जाएगी उनकी भी एक दिन कहानी.
आओ सुनाऊँ...

कुछ अकड़ में रहे कुछ सार्थक रचते
कुछ खबरे यहाँ वहाँ की चिपकाते रहते
कुछ ने बना ली है अपनी टोली निराली 
आओ सुनाऊँ......

कोई रोए अपना दुखड़ा,कोई हँसे जो दूजा रोये  
कोई सुने ना बिना नारी पुरुष के चाहे जो भी होए
किसी को बस राजनीति ,है अपनी भुनानी .
आओ सुनाऊँ ब्लॉग जगत की तुम्हें कहानी
यहाँ करता हर कोई अपनी-अपनी मनमानी

27 comments:

  1. हिन्दी ब्लॉगजगत की विडंबनाओं को पूर्णत्या विश्लेषित करता सुन्दर गीत

    ReplyDelete
  2. इस गीत को ब्लॉग सिनेमा का थीम साँग बनाना चाहिए।
    आपने भी कमाल कर दिया।
    सुंदर गीत के लिए आभार

    ReplyDelete
  3. ये गीत है या हकीकत-बयानी.....?.....जो भी है बहुत खूब है!

    ReplyDelete
  4. यह केवल ब्लॉगजगत कि ही नहीं सभी इंसानों कि कहानी है.

    ReplyDelete
  5. हकीकत बयाँ कर दी…………करारी चोट की है।

    ReplyDelete
  6. हाहा , क्या मस्त विश्लेषण है , पारखी नजर से कुछ नहीं बचता . रोचक थीम कविता .

    ReplyDelete
  7. :) :) सटीक विश्लेषण ....ब्लॉग ब्लॉग की कहानी

    ReplyDelete
  8. ललित शर्मा जी ने ठीक फरमाया है
    यह गीत अलग-अलग टुकड़ों में एक ही पिक्चर में तीन-चार बार गाया जा सकता है.
    मैं फोकट में ही गाने को तैयार हूं
    लेडिस सिंगर की तलाश आप लोग कर लो.

    ReplyDelete
  9. कटु सत्य है.

    रामराम

    ReplyDelete
  10. कहते जिसको भला बुरा , उनके ब्लागों पर जा जा कर
    एक हो जाते वो भी देखो , असोशिअसन मे आकर
    नाम कमाने के चक्कर मे बदनामी की राह है ठानी
    आओ सुनाऊँ,..
    धर्म करम की बाते वो करते , जो खुद ही ठहरे अधर्मी
    सवाल ही खाली दागते रहते , ऐसे भी है कुछ हठ्धर्मी
    हर महीने नये ब्लाग बनाकर , लिखते दूजों की जबानी
    आओ सुनाऊँ,..

    आपके इस ब्लाग से बहुत्त उम्मीदे है ।
    गुणवत्ता की भी और सकारात्मकता की भी

    ReplyDelete
  11. कोई उथला लिखे कोई गहरा लिखे
    कोई लेके पिन बस चहूं ओर फिरे.
    जहाँ देखा गुब्बारा, पिन चुभा दी जानी .
    .........

    सही कहा ...! :)

    ReplyDelete
  12. वाह जी! वाह! क्या मजे लिये हैं! हम अपने को खोज रहे हैं। हमारे भी पिन चुभाई गयी है!

    कोई उथला लिखे कोई गहरा लिखे
    कोई लेके पिन बस चहूं ओर फिरे.
    जहाँ देखा गुब्बारा, पिन चुभा दी जानी .
    आओ सुनाऊँ ..


    ये तो हमारी आदत की मौज है। गजब! गजनट!

    :)

    ReplyDelete
  13. भगवान झूठ न बुलायें इस अंश के नायक तो सतीश पंचम ही माने जायेंगे! :)
    टिप्पणी नहीं चाहिए जो नित कहता जाए
    उतनी ही उसकी नजर बाक्स पे गड़ती जाए
    कोई बंद करके उसे बन जाये महा ज्ञानी
    आओ सुनाऊँ,..

    ReplyDelete
  14. ये किसके लिये लिखा है हमें पता है लेकिन बतायेंगे नहीं! भाई लोग ज्यादा बुरा मान जाते हैं!
    जो छपने लगे वो उड़ते रहें गगन में
    जो ना छप पाए आहें भरे ब्लॉग चमन में
    छप जाएगी उनकी भी एक दिन कहानी.
    आओ सुनाऊँ...

    ReplyDelete
  15. सुंदर सच्चा ब्लॉग्गिंग गीत ..... बढ़िया बन पड़ा है....

    ReplyDelete
  16. चक्‍कर में पड़ गए हम कि यह कहानी है या कविता.

    ReplyDelete
  17. ब्लाग जगत की कहानी बड़ी रोचक और हास्य रस से भरपूर है। साथ ही यथार्थ को भी प्रकाशित किया है आपने। आभार।

    ReplyDelete
  18. आईये आपको ब्लाग-जगत की मैं ये सैर करा दूँ.
    धन्यवाद सहित...

    ReplyDelete
  19. वाह वाह ... क्या बात है !

    ReplyDelete
  20. जो कापी पेस्ट करते थे दरोगा बने वो
    कमसिन थे नादान थे ग्यानी बने वो
    टीपो के भूखे थे दानी बने वो
    बने खुद ही राजा भले कोई हो रानी
    आओ सुनाऊँ ब्लॉग जगत की तुम्हें कहानी

    ReplyDelete
  21. हा हा हा

    ये आलपिन की पिन नहीं, ग्रेनेड की पिन है भीडू!
    (एक फोन टैपिंग में सुना गया)

    जो भी हो, मस्त है पैरोडी

    ReplyDelete
  22. बहुत बढ़िया !

    ReplyDelete
  23. जो छपने लगे वो उड़ते रहें गगन में
    जो ना छप पाए आहें भरे ब्लॉग चमन में


    hahahaha..bahut badhiya
    http://dilkikashmakash.blogspot.com/
    is link pe jaake mujhse aap jud sakte hai.

    ReplyDelete
  24. निराला अंदाज़, बधाई ।

    ReplyDelete
  25. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete

ब्लॉग पोस्ट से संबंधित टिप्पणियों का सदा स्वागत है।
अनर्गल प्रचारार्थ टिप्पणियाँ ब्लॉग पर नहीं रखी जाएगीं।